उत्तर-सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 धारा – 14. (3) के अनुसार
(3) उपधारा (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी राज्यपाल राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या किसी राज्य सूचना आयुक्त को आदेश द्वारा पद से हटा सकेगा, यदि यथास्थिति, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त-
(क) दिवालिया न्यायनिर्णीत किया गया है; या
(ख) वह ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया गया है, जिसमें राज्यपाल के राय में, नैतिक अधमता अंतर्वतित है; या
(ग) वह अपनी पदावधि के दौरान, अपने पद के कर्तव्यों से परे किसी वैतनिक नियोजन में लगा हुआ है; या
(घ) राज्यपाल की राय में, मानसिक या शारीरिक अक्षमता के कारण पद पर बने रहने के अयोग्य है; या
(ड) उसने ऐसे वित्तिय और अन्य हित अर्जित किए है, जिनसे मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त के रूप में उसके कृत्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पडने की संभावना है।
अन्य आधारों परपदच्युति हेतु टिप्पणी-
राज्यपालद्वारा निम्नांकित आधारों पर भी राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त
को उसके पद से हटाया जा सकेगा-
1. जब वह नैतिक अधमता के किसी मामले में दोष सिध्द ठहराया गया हो।
2. जब उसने लाभ का कोई पद धारण कर लिया हो अर्थात वह वैतनिक नियोजन में लग गया हो।
3. जब वह दिवालिया न्यायनिर्णित कर दिया गया हो।
4. जब वह शारीरिक या मानसिक अक्षमता के कारण पद पर बने रहने के अयोग्य हो गया हो।
5. जब उसने वित्तीय या ऐसे अन्य हित अर्जित कर लिए हो जिससे उसके पदीय कृत्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पडता हो।