अमोल मालुसरे –सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अनुसार “नैतिक अधमता” शब्द की पऱिभाषा क्या है? और उससे जुडे मामलों में दोषसिध्द ठहराये जाने पर मुख्या सूचना आयुक्त अथवा सूचना आयुक्त को किसके द्वारा पद से हटाया जा सकेगा?

उत्तर-     “नैतिक अधमता” शब्द की कोई परिभाषा नहीं दी गई है और न दी जा सकती है, क्योंकि नैतिक अधमता प्रत्येक मामले के तथ्यों एवं उसकी परिस्थितियों पर निर्भर करती है। एक कृत्य एक स्थान पर नैतिक अधमता वाला हो सकता है तो अन्य स्थान पर नहीं। उदाहणार्थ- किसी स्त्री के कुल्हे थपथपाना पाश्चात्य संस्कृति में अच्छा माना जा सकता है, लेकिन भारतीय संस्कति में नही।

अत: ,मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है न्याय, ईमानदारी, सदाचार आदि के प्रतिकुल आचरण को नैतिक अधमता कहा जा सकता है। किसी नैतिक अधमता को राष्ट्रपति की राय में होना आवश्यक है।

       नैतिक अधमता से जुडे मामलों में दोषसिध्द ठहराये जाने पर मुख्य सूचना आयुक्त अथवा  सूचना आयुक्त को राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जा सकता है।

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