अमोल मालुसरे –सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा २ (ख) मे “ केन्द्रीय सूचना आयोग” कि परिभाषा क्या है ? इसमें केन्द्रीय सूचना आयोग से क्या अभिप्रेत है?
उत्तर – सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 कि धारा २ (क) में “ केन्द्रीय सूचना आयोग” को परिभाषीत किया गया है।
धारा २ परिभाषाएं- इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो-
(ख) “ केन्द्रीय सूचना आयोग” से धारा 12 की उपधारा (1) के अधीन गठित केन्द्रीय सूचना आयोग अभिप्रेत है;
केन्द्रीय सूचना आयोग
केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन
12. (1) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा केन्द्रीय सूचना आयोग के नाम से ज्ञात एक निकाय का गठन करेगी, जो ऐसी शक्तियों का प्रयोग और ऐसे कृत्यों का पालन करेगा, जो उसे इस अधिनियम के अधीन सौंपे जाएं।
(2) केन्द्रीय सूचना आयोग निम्नलिखित से मिलकर बनेगा-
(क) केन्द्रीय सूचना आयुक्त; और
(ख) दस से अनधिक उतनी संख्या में केन्द्रीय सूचना आयुक्त, तने आवश्यक समझे जाएं।
(3) मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा निम्निखित से मिलकर बनी समिति की सिफारिश की जाएगी-
i. प्रधानमंत्री, जो समिति का अध्यक्ष होगा।
ii. लोकसभा में विपक्ष का नेता; और
iii. प्रधानमंत्री द्वारा नाम निर्दिष्ट संध मंत्रिमंडल का एक मंत्री।
स्पष्टीकरण – शंकाओं के निवारण के लिए यह घोषित किया जाता है कि जहां लोक सभा में विपक्ष के नेता को उस रूप में मान्यता नहीं दी गई है, वहां लोक सभा में सरकार के विपक्षी एकल सबसे बडे समूह के नेता को विपक्ष का नेता समझा जाएगा।
(4) केन्द्रीय सूचना आयोग के कार्यों का सादारण अधीक्षण, निदेशन और प्रबंधन, मुख्य सूचना आयुक्त से निहीत होगा, जिसकी सहायता सूचना आयुक्तों द्वारा की जाएगी और वह ऐसी सभी शक्तियों का प्रयोग और ऐसे सभी कार्य और बातें कर सकेगा, जिनका केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा स्वतंत्र रूप से इस अधिनियम के अधीन किसी अन्य प्राधिकारी के निदेशों के अधीन रहे बिना प्रयोग किया जा सकता है या जो की जा सकती है।
(5) मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त विधि, विज्ञान ओर प्रौद्यगिकी, समाज सेवा, प्रबंध, पत्रकरिता, जनसंपर्क माध्यम या प्रशासन तथा शासन का व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले जनजीवन में प्रख्यात व्यक्ति होंगे।
(6) मुख्य सूचना आयुक्त या कोई सूचना आयुक्त, यथास्थिति, संसद का सदस्य या किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्रों के विधान-मंडल का सदस्य नहीं होगा या कोई अन्य लाभ का पद धारित नहीं करेगा या किसी राजनैतिक दल से संबद्ध नहीं होगा अथवा कोई कारबार नहीं करेगा या कोई वृत्ति नहीं करेगा।
(7) केन्द्रीय सूचना आयोग का मुख्यालय, दिल्ली में होगा और केन्द्रीय सूचना आयोग, केन्द्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से, भारत मेंअन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकेगा।
टिप्पणी
इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा कृत्यों का निर्वहन करने के लिए धारा 12 में एक केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन का प्रावधान किया गया है। आयोग का गठन शासकीय राजपत्र में अधिसूचना जारी करते हुए केन्द्रीय सरकार द्वारा किया जाएगा।
गठन-
केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन निम्नांकित से मिलकर होगा-
1. मुख्य सूचना आयुक्त एक; तथा
2. केन्द्रीय सूचना आयुक्त (अधिक तम दस)
चयन समिति-
मुख्य सूचना आयुक्त तथा केन्द्रीय सूचना उपायक्तों की नियुक्ति हेतु नामों की सिफारिश एक समिति द्वारा की जाएगी, जिसमें निम्नांकित सदसय होंगे-
(क) प्रधानमंत्री अध्यक्ष
(ख) लोक सभा में विपक्ष का नेता सदस्य
(ग) प्रधानमंत्री द्वारा नामनिर्देष्ट केन्द्रीय सदस्य
मंत्रीमण्डल का एक मंत्री
अर्हताएं-
केन्द्रीय सूचना आयुक्त तथा सूचना आयुक्त के पदों पर ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त किया जाएगा जो निम्नांकित का व्यापक ज्ञान एवं अनुभव रखने वाले होँगे-
1) विधि;
2) विज्ञान और प्रौद्योगिकी;
3) समाज सेवा;
4) प्रबंधन;
5) पत्रकारिता;
6) जन माध्यम;
7) प्रशासन; अथवा
8) शासन।
मर्यादाएं-
उपधारा (6) के अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त अथवा सूचना आयुक्त-
(क) संसद या राज्य विधान मण्डल के सदस्य नहीं होगे;
(ख) लाभ का कोई अन्य पद धारण नहीं कर सकेंगे;
(ग) किसी राजनितिक दल से सम्बद्ध नहीं होंगे; अथवा
(घ) कोई कारबार या वृत्ति नहीं कर सकेंगे।
कार्यालय-
केन्द्रीय सूचना आयोग का मुख्यालय दिल्ली में होगा। केन्द्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से आयोग द्वारा भारत में अन्य स्थानों पर अपने कार्यालय स्थापित किए जा सकेंगे ।
(ग) “ केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी” से उपधारा (1) के अधीन पदाभिहित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत धारा 5 की उपधारा (2) के अधीन इस प्रकार पदाभिहित कोई केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी भी है;
(घ) “ मुख्य सूचना आयुक्त” और “सूचना आयुक्त” से धारा 12 की उपधारा (3) के अधीन नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त अभिप्रेत है;
(ड) “ सक्षम अधिकारी’ से अभिप्रेत है-
(i) लोक सभा या किसी राज्य की विधान सभा की या किसी ऐसे संघ राज्यक्षेत्र की, जिसमें ऐसी
सभा है, दशा में अधयक्ष और राज्य सभा या किसी राज्य की विधान परिषद की दशा में सभापति;
(ii) उच्चतम न्यायालय की दसा में भारत का मुख्य न्यायमूर्ति;
(iii) किसी उच्च न्यायालय की दशा में उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति;
(iv) संविधान द्वारा या उसके अधीन स्थापित या गठित अन्य प्राधिकरणों की दशा में, यथास्थिति, राष्ट्रपति या राज्यपाल;
(v) संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीमन नियुक्त प्रशासक;